पुराने जमाने का रहन-सहन कैसा था, लोग कैसे रहते थे

आज की पोस्ट में आप जानेंगे कि पुराने जमाने का रहन-सहन कैसा था या पुराने जमाने के लोग कैसा जीवन जीते थे वह क्या खाते थे, कहाँ रहते थे उनकी रोज की दिन चर्या क्या थी।

वैसे तो आपने में से बहुत से लोग किताबो में कई बार पढ़ा होगा कि पहले के लोग आदिमानव का जीनव जीते थे लेकिन आदि मानव का वास्तव में मतलब क्या है आदिमानव दो शब्द से मिलकर बना है आदि + मानव जिसका मतलब आधा मानव होता है।

अब यहाँ मानव शरीर के आधे होने का मतलब नही है बल्कि उनकी बुद्धि और विवेक के आधार पर उस समय के मानव को आदिमानव कहाँ जाता है जिसके पास मानव जैसा कोई विकास बुद्धि नही है।

पुराने जमाने का रहन-सहन कैसा था?

पुराने जमाने में लोग आदिमानव का जीवन जीते थे ये तो आपने किताबो में भी पढ़ा होगा लेकिन हम उससे और पहले की बात जाने तो अधिकतर लोगो का मानना है कि मानव जीवन बंदरो की प्रजाति से बनी है

यहाँ किताबो में इसका प्रमाण है कि पहले से समय में एक मानव भी बंदर के समान था जिसकी बंदर के जैसी पूंछ होती थी वह बंदर के जैसा ही हाथ – पॉव, चार पैरो पर चलता है फिर धीरे – धीरे विकाश हुआ जहाँ मानव दो पैर के साथ चलने लगा और उसकी पूंछ भी समाप्त हो गयी

लेकिन तब भी मानव को किसी चीज का ज्ञान नही था वह आदि मानव की तरह रहता है ना कपडे थे पहने को, ना खाना था खाने को, वह जंगलो में रहते थे फल – फूल और जानवरो के कंच्चा मांस खाते थे

फिर धीरे – उन्हे ज्ञान हुआ कि नंगे रहना उचित है तब वह जंगल के बड़े – बड़े पत्तो को वस्त्र बनाकर पहनने लगे जैसे केले के पत्ते लपेटना, लेकिन कुछ समय बाद उन्हे अग्नी का ज्ञान हुआ जहाँ कुछ लोग पत्थर धीस कर अग्नी उत्पन्न करने लगे जब अग्नी आ गयी तो वह कंच्चा मांस भूनकर खने लगे

इसी तरह समय के साथ जैसे – जैसे मानव का ज्ञान बड़ा उनके रहन सहन बदल गये, खान – पान बदल गये इससे मान मस्तिस्क में बुद्धि का संचार हुआ और आज आप इस बुद्धि का कारनामा तो आप देख ही रहे

पुराने जमाने में स्कूल क्यों स्थापित किए गए होंगे?

ये Question बहुत कठिन है कि पुराने जमाने में स्कूल क्यों स्थापित किए गए होंगे? लेकिन आज इस Question का आप Answer ढूँढने की कोशिश करे या किसी से पूछे इस बारे में तो जो आज नही भी पढ़ा – लिखा होगा वो भी इसका उत्तर आसान शब्दों में इस प्रकार दे देगा।

कि पढ़ने के लिए पुराने जमाने में स्कूल स्थापित किए गए होंगे लेकिन आप सोचे जब स्कूल नही रहा होगा तब क्या कुछ (1,2 लोग)लोग भी उस जमाने में पढ़े – लिखे होगे मै तो यही समझता हूँ।

ये भी पढ़े –

कि जब स्कूल नही रहा होगा तो शिक्षा का नामोनिशान नही रहा होगा ना कोई पढ़ाने वाला और ना कोई पढ़ने वाला।

तो अब बात आती है ये शिक्षा आई कहाँ से क्या कोई व्यक्ति पढ़ा – लिखा पैदा हुआ इन सब बातों का कोई ठोस प्रमाण नही है लेकिन इसके बारे में और जानकारी कुछ दिन बाद इस पोस्ट में अपडेट करेंगे ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके कि पुराने जमाने में लोग कैसे रहते है थे क्या खाते थे

आशा करता हूँ जितना जानकारी मैने इस पोस्ट में दिया है वो आपको पसंद आया होगा जिसके बारे में आप कमेंट करके बता सकते है साथ इस पोस्ट को अपने दोस्तो के साथ शेयर करे ताकि और भी लोग इस पोस्ट पढ सके और इसके बारे में जानकारी ले सके

धन्यवाद ||

मेरा नाम मनोज कुमार है, मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूं और इस वेबसाइट के माध्यम से "ब्लागिंग, टेक्नोलॉजी" से संबंधित सभी जानकारी साझा करता हूं जिसमें आपको बिलकुल सही जानकारी दी जाती है

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